ज्योतिष में “मांगलिक दोष” एक विशेष गुणमिलान है जो विवाहित जोड़े के बीच शादी के मुख्य आधार में देखा जाता है। इसमें मंगल ग्रह (मार्स) की स्थिति और संयोग को विचार में लिया जाता है। यह माना जाता है कि जब किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल ग्रह की विशेष स्थिति होती है, तो उसे “मांगलिक दोष” होता है।

मांगलिक दोष को कुछ मामलों में अशुभ माना जाता है और कुछ मामलों में यह शुभ माना जाता है। यह दोष जीवनसाथी की आयु, स्वास्थ्य, विवाहित जीवन और संबंधों पर प्रभाव डाल सकता है।

यहां कुछ मामले दिए गए हैं, जहां मांगलिक दोष के प्रभाव की चर्चा की जाती है:

  1. विवाह में देरी: जब एक व्यक्ति मांगलिक दोष वाली होती है और उसके साथी में भी यह दोष होता है, तो इसका कारण बनकर उनके विवाह में देरी हो सकती है।
  2. संबंधों में तनाव: मांगलिक दोष वाले व्यक्ति के विवाहित जीवन में संबंधों में तनाव और मार्ग-दर्शन की कमी हो सकती है।
  3. स्वास्थ्य समस्याएं: कुछ मामलों में, मांगलिक दोष का प्रभाव व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। यह शारीरिक समस्याओं को उत्पन्न कर सकता है और उच्च रक्तचाप, अतिरिक्त गर्मी, और मांसपेशियों की समस्याएं जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में प्रकट हो सकता है।
  4. प्रशासनिक समस्याएं: कुछ मामलों में, मांगलिक दोष के प्रभाव से व्यक्ति को प्रशासनिक समस्याएं भी हो सकती हैं। इसमें कानूनी मुद्दों, विवादों, और न्यायिक प्रक्रियाओं में तकलीफ़ हो सकती है।

यह अपेक्षाकृत आम ज्योतिषिय तथ्य हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने व्यक्तिगत स्थिति के बारे में एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें, जो आपकी जन्मकुंडली का विश्लेषण करके अधिक ज्ञानवर्धक सलाह दे सकते हैं।

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