ज्योतिष में ‘राजयोग’ एक महत्वपूर्ण योग है जो जातक को उच्च स्थान और सत्ताधिष्ठान प्रदान करता है। राजयोग के उपस्थित होने पर व्यक्ति को उच्च सामरिक, आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति में सुख और सफलता मिल सकती है। यह व्यक्ति के जीवन में उच्चतम पदों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कारक माना जाता है।
राजयोग के लिए व्यक्ति की कुंडली में निम्नलिखित ग्रहों के महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए:
- सूर्य: शुभ और मजबूत स्थिति में होने पर सूर्य राजयोग का एक महत्वपूर्ण कारक है।
- चंद्रमा: चंद्रमा भी सुख और सफलता के लिए महत्वपूर्ण होता है। अगर चंद्रमा प्रभावी रूप से स्थानीय योग ग्रहों के साथ संयुक्त हो, तो यह राजयोग की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है।
- बृहस्पति: बृहस्पति (गुरु) भी राजयोग का महत्वपूर्ण कारक है। अगर गुरु प्रभावी रूप से स्थानीय योग ग्रहों के साथ संयुक्त हो, तो यह राजयोग की गुणवत्ता को बढ़ा सकता है।
- शुक्र: शुक्र भी आर्थिक सफलता और सुख के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- राजयोग कारक ग्रह: ज्योतिष में अन्य कई ग्रहों और योग कारक ग्रहों (यदि उपस्थित हैं) के संयोग से भी राजयोग बन सकता है। उदाहरण के लिए, हंस योग, महाभाग्य योग, धन योग, रजलक्ष्मी योग, राजलक्ष्मी योग, राजसम्भंदी योग, धन संपत्ति योग, धन करक योग, धन धान्य योग, राजधानी योग, राजभाग्य योग आदि।
राजयोग का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली पर आधारित होता है और इसके लिए ग्रहों, भावों, नक्षत्रों, दशाओं, योगों, और उपयोगी प्लेनेटरी कॉन्फिगरेशन का विश्लेषण किया जाता है।astro vedic shakti आपको राजयोग के बारे में अधिक जानकारी और आपकी कुंडली में इसकी उपस्थिति की जांच करने में मदद कर सकता है।